नेपालमे भोजपुरीके अवस्था स्थितिपर चर्चा कईल जरूरी बा
वीरगंज संजाल
१६ भाद्र २०७८, बुधबार १४:०३
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वीरगंज । सयाम सराफ। नेपालमे भोजपुरी गीत संगीत के स्थिति अवस्था से पहिले नेपालमे भोजपुरीके अवस्था स्थितिपर चर्चा कईल जरूरी बा ।नेपालके जनगणना अनुसार भोजपुरी नेपालमे बोलेवाला तिसरका बड भाषा ह। जबकि भोजपुरी दुसरका बड भाषा होखेके चाहि बोलीचालीके हिसाबसे लेकिन जनचेतना के अभाव या जनगणना करेवालन के कारण तीसर स्थान पर बा। लगभग ६ गो देशमे निर्वाद रुपसे बोलेवाला भाषा ह भोजपुरी ।
अगर बात कईलजाव नेपालमे भोजपुरी गीत संगीतके स्थिति अवस्थाके त पिछलका अवस्था के हिसाबसे वर्तमानमे बढिया काम होरहलबा। लेकिन अभियो उल्लेखनीय रुपसे कामके रफतार निमन नईखे देखलगईल। जेकर मुख्य कारण एहिजे भोजपुरी गीत संगीतके बजार के अवस्था एकदम कमजोर देखलगईलबा जेकरा ई क्षेत्रमे लागल लाोग आय आर्जन करे ना सकलाके कारण गीत संगीतके क्षेत्र छोडके पलायन होखेके परल अवस्थाभी देखलजाला।
पडोसी राष्ट्र भारत जाहा भोजपुरी गीत संगीतके आपन मुकाम खाडा होगईल व्यापारिक रुपसे अभीके अवस्थामे काम होरहलबा लेकिन हमनी किया भोजपुरी गीत संगीतपर लगानीकर्ता के संख्या बहुत कम देखलगईल या ना के बराबर हि कहलजासक्ता। बिशेष करके शौखिया रुपसे गीत संगीतमे लागल लोग आपन लगानीमे तैयार करेलालोग, केवल लगानीकर्ता के बात कईलजाए त आशिंक रुपमे हि बालोग।
पिछला दिनसबके तुल्नामे अभी उलेख्निय काम होरहलबा गीत संगीतके क्षेत्रमे लेकिन एकदम बढिया होरहलबा कहके अभियो सराहणा नईखे कईलजासकत जबले ईहवो ई क्षेत्रमे लागल लोग गर्भके साथ छाती ठोकके ना कहपहिए कि हम भोजपुरी गीत संगीतला काम करेनी और आर्थिक गतिविधि नाहोई । बहुत लोग बा जेकरा सोझा भोजपुरी गीत कहते नाक सिकुरावेलागी , मुह बनावेलागी जब कि ओकरासे कईगुना फुहर और अस्लील गीत दोसर भाषामे सुनी देखिलोग।
भोजपुरी एतना समरिद्ध आ मिठ बा कि वर्णन कईलासे ना ओराई लेकिन कुछ लोगके कारनसे एह शुन्दर भाषाके अश्लीलताके मुहमे धकेल्लजाता एक त लिखेवाला दुगो अर्थ लागेवाला लिखता, फिल्मावेवाला भी ज्यादा चलावे खातिर अईसन खराब बनावता लेकिन जेतना दोषी अईसन लिखेवाला, गावेवाला आ फिल्मावेवाला बा ओकराले ढेर दोषी उ सुने देखेवाला बा । बहुत लोग त अईसन मिलेला जे हरेक भोजपुरी गीत संगीतके गलत तरिकासे बुझी आ वर्णन करके जबरजस्ती फुहर बदनाम कहेके अभियानमे लागलबा।
पुजापाठ, जन्म/मरन ,हरेक महिना , रोपनी, कोडनी, बोझा बनाही लगायतके हरेक अवस्था खातिर भोजपुरी गीत संगीत बा । निर्गुन,चैता,पुर्वी,ठाक्डा,विजयाभार,नेटुवाके नाच के आपन आपन महत्व बा।जवन कि अभी शहरीकरणके नामपर लोप होरहल देखलजासकेला।
पहिले जब घरमे शादी बियाह या कौनो शुभ काम होखे त गावके ईया चाची पुर्खा पुरनिया लोगके समुह बनाके सान्झा पराती गीत गावतरहेलोग, अभियो गाँव देहातमे देखेके मिलेला।
पहिले नेटुवाके नाच एगो गाँवमे आवे त दश गाँवके लोग देखेला ततड लागे, अब कहि कहि देखेके मिलेला दर्शकके अभावमे।
आधुनिक्ताके नामपर लोग आपन भाषासे परहेज कर रहल अवस्थामे साहित्य,संस्कृती,गीत,संगीतके संरक्षणके अपेंक्षा कईल भी बालुमे पानी डाल्लाके बराबर हि होई।
नेपालके संन्दर्भमे बात कईलजाव त ई क्षेत्रमे काम कर रहल अग्रज लोगके नाया लोगप्रती झुकाव या आगाडी नालियावेके मनसाय भी ई क्षेत्रमे युवाके सहभागिता बहुत कम देखलजाला या लागल युवा जमात भी आपन सहभागि ना करेदेलासे मन गिरजाला आ ई क्षेत्र छोडेपर मजबुर होजालालोग।
ई क्षेत्रमे काम कर रहल कैयौ संस्था बा जे आपन संस्थाके बिस्तार ना करे सदस्यता नाबाटे, अपने कुछ लोग पद पावर मे रहि आ हेपाहा पवृती चलाई। नाया लोग अकेले सकान होखेभर करेले जब सकानसे बहरी होखेलागे त पलायन होखेलागेलोग आ ईहो कारन गीत संगीत के क्षेत्रमे समस्या खाडा कईले बा।
अगर निस्वार्थ रुपसे सबकोई आपन हिस्साके काम करे त कौनो बड बात नईखे नेपालमे भोजपुरी गीत संगीतके व्यवसायीकरण कईलजासकता काहेसे कि एहिजा भोजपुरी जाने बुझेवाला ज्यादा लोगबा साथे अन्तरास्ट्रिय जगतमे पहुंच बा भोजपुरी गित संगित के ।
लेकिन जेकरा लुर नईखे उ अपशब्द प्रयोग करके गीत बनावता आ जेकरा लुरबा उ दोसरा के सिखावल नईखे चाहत।
एक त कुछलोगके भोजपुरी बदनाम करईलाके कारन बितल समय लडकि, महिला के सहभागिता ना के बराबर देखलगईल नेपालमे लेकिन अभीके अवस्थामे कुछ लोग बहरी आईल जे खुल्के आपन भाषा,गीत,संगीत के प्रचारमे खुल्के लागलबालोग और ई सकारात्मक पक्षं भी ह नेपाल खातीर काहेसे कि भाषा गीत संगीत साहित्य संस्कृति के बिरासत जोगावेवाली मुख्यपात्र हि महिला हई। जईसे हमनीके लोकभाका, लोकगीत, के जड हि महिला हई।और जबले महिलाके सहभागिता समानरुपमे ना होई तबले नेपालमे भोजपुरी गीत संगीत के अवस्था बेहतर होईए नईखे सकत।
ओहितरे एहमे लागल नायालोगके भी धैर्यधारण कईल जरुरी बा जल्दिए दाम आ नाम खातीर आपन गीत संगीतसे छेडछाड कईलासे बचेके चाहि। ई क्षेत्रमे लागते नावका जमात आपन प्रतिनिधित्व खोजेला, सहभागिता खोजेला लेकिन कुछ सिखेला सहनशिल्ताके साथ रहल भी जरुरी ह। अग्रजलोगके सम्मान खातिर हरदम तत्पर रहल भी जरुरी ह लेकिन अग्रजलोगके भी अपनत्व देखावल जरुरी बा । जबले चारुओरसे लगनशिल्ताके साथ काम नाहोई तबले सोच अनुसार प्रगती कईल नईखेजासकत।
समग्ररुपमे देखलजाव त कईगो समस्या होतेहुवे भी नेपालमे भोजपुरी गीत संगीत मे निरन्तर काम होरहलबा। आ सबसे बढिया बात ई बा कि होखेवाला सब काम सलिल गीत संगीत बढावेके होरहलबा आ ईहे नेपालके उपलब्धी ह । एहमे लागल सबकोईके ई हमनी के बिरासतमे मिल्ल अमुल्य वस्तुके संरक्षण खातिर आपन भितरके तानाशाहके नष्ट करके सामुहिक होखे काम कईलजाए त निर्धारित समयमे सोचसे ज्यादा उपलब्धी प्राप्त कईलजासकता। एहसे ई फाईदा होई कि आपन देशमे आपन भाषा सहित खाटी माटीके गीत संगीतके आय आर्जनमुखी बनईलाके साथे नाम कमाएके निमन अवसर प्राप्त होई , करेवालनके मौका मिली रोजगारी के सृजना होई । लेकिन एकरुपता से हि सब संभव बा।